नमस्कार दोस्तों आज हम आपको बताने वाले हैं #MeToo की पूरी कहानी तो चलिए जानते हैं
इसके बारे में दोस्तों इन दिनों दो शब्दों की बहुत चर्चा है। यह दो शब्द अंग्रेजी के हैं और इनकी वजह से एक आंदोलन खड़ा हो गया है। हम आपसे बात कर रहे हैं MeToo की। हिंदी में इसका अर्थ हे = मैं भी।
यह यौन उत्पीड़न की शिकार हुई महिलाओं का आंदोलन है। #MeToo के जरिए वो सोशल मीडिया पर अपने साथ हुई बदसलूकी या यौन उत्पीड़न का इस हैशटैग के साथ खुलासा करती हैं जैसे #MeToo।
कब और कैसे शुरू हुआ #MeToo ?
#MeToo कैंपेन की शुरुआत 2006 में हुई थी इसकी शुरुआत हॉलीवुड से हुई थी अमेरिका की सामाजिक कार्यकर्ता टेरेना बर्क ने खुद के साथ हुए यौन शोषण का जिक्र करते हुए सबसे पहले इन शब्दों का इस्तेमाल किया। बर्क की पहल का असर 2017 में हुआ। हॉलीवुड प्रोड्यूसर हार्वे वाइंस्टीन पर 50 से ज्यादा महिलाओं ने 30 साल के दौरान यौन शोषण के आरोप लगाए। न्यूयॉर्क टाइम्स और न्यूयॉर्कर जैसे बड़े अखबारों ने इस पर रिपोर्ट प्रकाशित कीं। हॉलीवुड एक्ट्रेस एलिसा मिलानो ने भी आरोप लगाए। इसी दौरान सोशल मीडिया पर किसी ने उन्हें टैग करते हुए लिखा कि वो #MeToo के जरिए अपनी बात रखे। मिलानो ने ऐसा ही किया। 32 हजार से ज्यादा महिलाओं ने इस हैशटैग का उपयोग करते हुए अपनी आपबीती साझा की।
भारत में #MeToo की शुरुआत कब और कैसे हुई ?
भारत में अब तक इन बड़े नामों पर लगे आरोप
No comments:
Post a Comment